Thursday 26 February 2015

घर-वापसी

मित्रों,
नए साल में कुछ उलझन रही, वजह थी नये फेसबुक पेज की व्यस्तता। अखबार के लिए भी नहीं लिखा लेकिन मजा नहीं आया। खुला हाथ जो यहाँ मिलता है और कहीं नहीं। फरवरी से अखबार में लिखना शुरू किया और आज से फिर आपके सामने हाजिर हूँ। 
सेकंड सन्डे को दैनिक नवज्योति में मेरा कॉलम छपता है, कॉलम का नाम भी यही है, उसी को मैं अगले दिन यहाँ पोस्ट कर दूँगा। 
एक शिकायत, आपके कमेंट नहीं आते, आशा करता हूँ अब ये सहयोग भी मिलेगा।
धन्यवाद,
राहुल_

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