जिन्दगी का पहिया अर्थ के ईधन के बिना नहीं घूमता। अर्थ यानि पैसा, और पैसा मिलता है काम से इसलिए जरुरी है हमारा काम ऐसा हो जो हमारी स्वाभाविक इच्छाओं और घर-परिवार की जरूरतों को पूरा कर सके। हमारी ये सोच जाकर ठहरती है हमारी ही पहचान के उन व्यक्तियों पर जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में सफलता पाई है। इस तरह हमारे सफलता के तैयार फॉर्मूले होते है, उनमें से कोई एक हम पसंद कर लेते है। इससे एक तरफ तो हम जोखिम को कम कर लेते है तो दूसरी तरफ हमारे पास उस काम को करने की तैयार रेसीपी होती है।
प्रतिस्पर्धा और बाज़ार-युग के इस दौर में सफल होने के लिए काम करना क्या, स्वयं को काम में झोंकना पड़ता है। जैसे-जैसे हम सफल होते जाते है हमारी जिन्दगी तनावों से भरती चली जाती है। इसका निष्कर्ष हम यह निकालते है कि तनाव, काम और सफलता का हिस्सा है और यदि तनावमुक्त जिन्दगी चाहिए तो काम कम करो और थोड़े में संतोष करो। शायद इसीलिए यह समझा जाता है कि संतुष्ट वह है जिसे और की चाह नहीं।
जिन्दगी की इन व्यावहारिकताओं के चलते हम जानते हुए भी उन कामों से किनारा कर लेते है जिन्हें सोचने मात्र से मन को सुकून मिलता है। शायद ठीक ही करते है हम, जिन्दगी निभायें या मन की इन फालतू बातों को हवा दें।
कई दिनों से मन में यही सब कुछ चल रहा था लेकिन जो गाँठ नहीं खुल पा रही थी वह यह कि जब सफलता हमारे हाथ में है तो तनाव क्यूँ होता है? सफलता की संगिनी तो खुशियाँ होनी चाहिए। आखिर हम सफल ही क्यूँ होना चाहते थे, खुशियों के लिए ही तो? और अव्वल तो ये कि क्या ये सफलता भी है जो अपने साथ तनाव लायी है? यहाँ मेरा तनाव से आशय अपने काम को अच्छे से अच्छा कर पाने की स्वाभाविक चिंता या फिक्र से नहीं बल्कि उससे है जो दबाव हमें उस काम को करने के लिए अपने उपर डालना पड़ता है और जो हमारे मन, स्वास्थय और रिश्तों को कसैला कर रहा है। जवाब मुझे डॉ. वेन डब्लू.डायर से मिला। वे लिखते है कि जो बात आपके मन को सुकून देती है, उससे सम्बन्धित ऐसा क्या है जो आपको धन भी दिला सकता है, जैसे आपको संगीत सुनना अच्छा लगता है तो आप संगीतज्ञ के अलावा समीक्षक-लेखक भी हो सकते है। यदि आपको ड्राईंग करना अच्छा लगता है तो जरुरी नहीं आप पेन्टर ही बनें, आप आर्किटेक्ट या डिजाइनर बनना भी चुन सकते है और यदि आपको सिर्फ क्रिकेट देखना अच्छा लगता है तो आप कमेन्टेटर भी बन सकते है। यदि आपको अपने काम में पूरा विश्वास है तो सफलता की गारंटी है।
हो सकता है आप जीवन के इस मोड़ से आगे निकल आये हों तो आज आप जिस काम में है और जो कुछ आप करना चाहते है उसे जोड़कर देखिए। जैसे, आप एक डॉक्टर है लेकिन संगीत आपको सारे दिन दूसरी ओर खींचता है तो अपने वर्तमान काम के साथ दिन का कुछ समय 'म्यूजिक-थेरेपी' को सीखने और उससे इलाज करने में लगाइए। ये भी हो सकता है कि आप जिस काम में है यह कभी आपका सबसे पसंदीदा था लेकिन समय के साथ आपको कुछ और भाने लगा है। अपने आपको दोष मत दीजिए। अपने काम के साथ कुछ समय अपने नये झुकाव को भी दीजिए। उसे महज शौक नहीं, इस दृष्टी से देखिए कि इससे भी मैं क्या कर सकता हूँ जो मानसिक संतुष्टि के साथ मेरी जिन्दगी की जरूरतों को भी पूरा कर सके। यदि सच ही बदलाव का समय आ गया है तो वह हो कर रहेगा।
स्ट्रेस को 'मैनेज' मत कीजिए, इसे जिन्दगी से 'वाइप-आउट' कीजिए। 'स्ट्रेस मैनेजमेंट' का अर्थ ही 'स्ट्रेस'को अपनी जिन्दगी में जगह देना है। बात ही गलत है। मैनेज करने लायक कुछ है तो वह है 'हैप्पीनेस'; आप इसे 'हैप्पीनेस-मैनेजमेंट' भी कह सकते है।
(दैनिक नवज्योति में रविवार, 14 जुलाई को प्रकाशित)
आपका
राहुल ...........
Here I differ a bit this time…
ReplyDeleteWill try to put my learning, beliefs & understandings about success, stress & happiness, in short (surely not to counter your meaningfully beautiful words)…
• What is the definition of so called ‘success’?
Success has a varied or assorted definition.
Success is relative, I believe.
If a helper serves a glass of water without spilling, it is success (which has become a habit) for him.
• Pressure (dabaav) improves performances but not Stress (tanaav).
• I believe anything you enjoy doing for hours, may get you the field of your life & success subsequently.
• Success doesn’t bring Stress with it. Stress is nothing but wt & hw u do with wt comes to u, depending upon hw u perceive things within & without & further I can say Stress delays & reduces the charm of success.
• The secret of life is Success or happiness?
• Does Happiness come with or after success?
• Is happiness guaranteed after being successful?
• Practice happiness, Success follows eventually.
• Happiness is a CHOICE & success is RELATIVE.
• Success is not the key of Happiness. Happiness is the key of Success - (a lovely topic of discussion).
• I also believe in the same … there is no need to manage stress instead ‘MANAGE YOURSELF’. Similarly, I hv written in my parenting book (yet to be published) …. do not control / manage ur child in difficult situation, control / manage ur attitude).
BE IN-JOY!!
I replied on last sunday also but think haven't clicked 'publish' button correctly....
ReplyDeleteFirst of all, I think we don't differ....
* Success is no doubt a relative term. Here I was talking about material success and what you are referring to is spiritual. A sense of being.
* What else may be the reason of stress than earning and maintaining our way of living in today's world.
* Material success has nothing to do with happiness. You are very right that Happiness is an inner thing, an attitude.
* To have bread on the table, we cannot ignore need of the money. Material success fulfills requirements whereas spiritual success brings contentment which results into happiness.
Your commenting on the other part of success has made the concept of success and my article complete.
Thank you very much...