Sunday, 2 October 2011

Let us be touched by life

जिन्दगी का अर्थ ही अनुभूति और अभिव्यक्ति है या यों कह लें जिन्दगी के हर लम्हे को महसूस करना और उसे अपने अंदाज़ में जीना; तब भी जब समय हमारी इच्छाओं के अनुरूप हो और तब भी जब समय विपरीत हो. दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसके जीवन में ऐसा समय न आया हो जब उसने सोचा न हो कि 'अब क्या होगा?' ' अब कैसे होगा?' जब उसे लगा हो कि जीवन ठहर सा गया है. जब उसे जीवन के उस पार दिखाई ही न दे.

जिन्दगी में कुछ  दुःख ऐसे होते हैं जिन पर हमारा कोई बस नहीं चलता और कुछ मुश्किलें ऐसी होती है जो हमें उन पहलुओं कि तरफ इशारा कर रही होती हैं जिन्हें हम  जाने-अनजाने अनदेखा कर रहे होते है. चाहे जो भी हो मुश्किलों से गुजरकर ही और दुःख में भीगकर ही जीवन के उस पार जाया जा सकता है. हर दुःख और हर मुश्किल हमें वो पाठ  पढ़ाने को आती है जिन्हें सिखाने के लिए हमने जिंदगी कि इस पाठशाला में प्रवेश लिया है.



मेरे जीवन  कि दूसरी बड़ी दुखद घटना जब अचानक से मम्मी चल बसी. रात के ११ बजे  का समय था. सब रिश्तेदार इकठ्ठा हो रहे थे लेकिन में सकपकाया था;कुछ भी समझ नहीं पा रहा था कि क्या हुआ. दो-तीन घंटे  लगे मुझे  स्थिति को स्वीकार करने में और तब मेरी रुलाई फूटने लगी. मैं उन क्षणों को उनकी गहराई से महसूस करने लगा और मेरा मन रोकर उनको व्यक्त कर देना चाहता था लेकिन जैसे ही मैं रोने को होता मेरे एक रिश्तेदार 'हिम्मत रखो' , 'आपको ही संभालना है.' कहकर चुप करा देते. आज भी व क्षण कुछ ठहरे से लगते है. आज भी लगता है कि दिल के किसी कोने में  कुछ  अव्यक्त सा पड़ा है.

दुःख और मुश्किलों से हम जितना भागते है उतना ही वे हमारा पीछा करती है और जैसे ही हम उनका सामना करते है वे हमें जीना  सिखाने लगती है. जितनी नाजुक ये संवेदनाएं है उतनी ही सावधानी इन्हें सँभालने में बरतनी पड़ेगी. हमें हर हाल में सचेत रहना है कि हम न तो अपने दुःख और मुश्किलों का कारण किसी व्यक्ति-परिस्थिति में ढूंढें  और न ही इससे अपनी कोई छवि ही  गढ़ लें. हमारा अहम् हमें इस दौरान बार-बार इस रास्ते पर ले जाने कि कोशिश करेगा लेकिन हमें अपने आपको रोकना होगा. अनुभूति की गहराई  और अभिव्यक्ति कि सच्चाई ही जीवन को सार्थक बनाएगी.

जीने कि कला संवेदनाओं से पीछा छुड़ाने में नहीं है अपितु अपने हर पहलु का जिन्दगी के साथ तारतम्य बिठा कर अपनी विशिष्टता पर आनंदित होने में है.
हम इस जीवन को इसकी सम्पूर्णता के साथ जी पायें; इन्ही शुभकामनाओं के साथ.

आपका
राहुल.....

No comments:

Post a Comment