हमारी इस जीत पर आप सभी को दिल से बधाई !
आज कोई भी बात अन्ना के बिना शुरु ही नहीं सकती और होनी भी नहीं चाहिये . अब हम नहीं कहें की इस सिस्टम का कुछ नहीं हो सकता.
प्यार आपकी प्रकृति है और आपका काम आपके अंदर मौजूद उस प्रकृति की भौतिक अभिव्यक्ति होना चाहिए . आप कौनसा काम करें इस का आधार सिर्फ और सिर्फ आपकी ह्रदय की आवाज़ होनी चाहिए. आपके लिए वह ही काम बना है जिसे करते हुए आपको थकान न हो,समय का भान न रहे और जिसे करने मात्र से आपको संतुस्ठी मिले.
यदि आप किसी ऐसे काम में है जिसे आप कम पसंद करते है या इसकी अपेक्षा कुछ और करना चाहते है तो भी इसका आधार घ्रणा नहीं हो सकता. वर्तमान में कर रहे काम से घ्रणा कर हम भविष्य में कुछ अच्छा नहीं कर सकते.घ्रणा के बीज से प्यार के फल देने वाला पेड़ कभी नहीं लग सकता. वर्तमान काम को प्यार से , पूरे मन से कीजिये और जो करना चाहते है उसमे रूपांतरण की कोशिश कीजिये. यदि यह आपकी आत्मा की आवाज़ है तो परमात्मा आपके साथ है.
हम परमात्मा की स्वतंत्र अभिव्यक्ति है. हम अपने आपको परमात्मा के साथ तय किये गए रूप में इस जीवन में अभिव्यक्त होने आयें है यही हमारा काम है और यह ही हमारा जीवन उद्देश्य.
वह काम जो आपको आत्मिक संतोष देता है वह ही आपकी सच्ची अभिव्यक्ति है और वह ही परमात्मा की एच्छा है .क्या परमात्मा की एच्छा में असफलता का कोई स्थान हो सकता है ?
आने वाला सप्ताह आपके लिए मंगलमय हो.
आपका
राहुल ......